चंद कागज के पन्नों पर एहसासों की दौलत बिखेर दी चंद कागज के पन्नों पर एहसासों की दौलत बिखेर दी
सबकुछ देखते हुए समझते हुए भी धृतराष्ट्र और गाँधारी। सबकुछ देखते हुए समझते हुए भी धृतराष्ट्र और गाँधारी।
आज वो डरना नहीं चाहती उसने अंडे दिए हैं, आज वो डरना नहीं चाहती उसने अंडे दिए हैं,
जिस तरफ जाऊँ पाऊँ बस तुझको एक खुशबू सा चार सू हो जा जिस तरफ जाऊँ पाऊँ बस तुझको एक खुशबू सा चार सू हो जा
वो हमें याद करतें हैं इसे तुम प्यार मत समझोबात तो ये है कि उनकी उधारी बाकी है हमपे वो हमें याद करतें हैं इसे तुम प्यार मत समझोबात तो ये है कि उनकी उधारी बाकी है हम...
मैं जब नम सी निगाहों से देखता हूँ तुझेयार कुछ तो तेरा दिल भी पिघलता होगा मैं जब नम सी निगाहों से देखता हूँ तुझेयार कुछ तो तेरा दिल भी पिघलता होगा